भावनात्मक उपचार: होम्योपैथी, बैच फ्लावर और ध्यान का समन्वय
“5 मिनट आंखें बंद करके श्वास पर ध्यान दें – “मैं सुरक्षित हूँ” कहते हुए श्वास लें और छोड़ें।
“मैं भय के पार देख सकता हूँ।”
बैठ जाएँ, आँखें बंद करें, गहरी साँस लें… “मेरा गुस्सा अब शांति में बदल रहा है… मैं ऊर्जा हूँ, मैं संतुलन हूँ।”
“मैं अपने गुस्से को प्रेम और शांति में बदल रहा हूँ।”
मन में कहें: “मैं पूर्ण हूँ। मैं प्रेम और सहारा पाने योग्य हूँ।”
“मैं वर्तमान में जीवित हूँ। मेरा मन शांत है।”
“यह भी बीत जाएगा, मैं आशा से भरा हूँ।”
“मैं विश्राम में हूँ, मेरी ऊर्जा लौट रही है।”
“मैं स्वयं को क्षमा करता हूँ।”
“मैं खुद को स्वीकार करता हूँ, मैं योग्य हूँ।”
गहरे सांस लें, बोलें: “मैं सुरक्षित हूँ। मैं सक्षम हूँ।”
“मैं आत्मविश्वास से भरा हूँ। मैं अपने रास्ते पर दृढ़ हूँ।”
“मैं संघर्ष नहीं, प्रवाह को चुनता हूँ।” गहराई से कहें और छोड़ें।
“हर अनुभव मुझे सिखा रहा है। मैं आगे बढ़ रहा हूँ।”
शांत बैठें और सोचें: “जवाब मेरे भीतर है, मैं स्पष्ट हूँ।”
“मेरे सभी उत्तर मेरे भीतर हैं। मैं संतुलन में हूँ।”
5 गहरी साँसें लें और दोहराएँ: “मेरी अंतर्ज्ञान मेरा मार्गदर्शन कर रहा है।”
“मैं आत्मविश्वास से निर्णय लेता/लेती हूँ। मेरा पथ स्पष्ट है।”
आँखें बंद कर कहें: “मैं खुद को क्षमा करता/करती हूँ, मैं प्रेम हूँ।”
“मैं खुद को प्रेम करता/करती हूँ। मैं क्षमा करता/करती हूँ।”
शांत बैठें और कहें: “मैं अपने भूतकाल को प्रेम से स्वीकार करता हूँ।”
“अब मैं सुरक्षित हूँ। मैं अपने दर्द को प्रेम में बदल रहा हूँ।”
“मैं जो कुछ भी हूँ, उसके लिए आभारी हूँ।”
“मैं अपने दिल को खोल रहा हूँ।”
“मैं तनावमुक्त हूँ।”
“मैं वर्तमान में शांत हूँ।”
“मैं जीवन को महसूस कर रहा हूँ।”
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"ManoPathy के सुझावों से मुझे डर और घबराहट से बड़ी राहत मिली।" – राहुल, दिल्ली